Inspirational Crime And Suspense Story in Hindi

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  प्रस्तावना  "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसे हर कोई अपनी जिंदगी मे जीता है. "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसमे हर किसी के भविष्य की निव रखी जाती है. इसलिये हमारे घर के बच्चों के बचपन का खयाल रखने की प्रमुख जिम्मेदारी उनके माता पिता की होती है. बचपन मे बच्चों के आसपास घटित होने वाली हर घटना का प्रत्यक्षरूप से असर बच्चों के जिंदगी पर पडता रहता है. अगर अच्छी घटनाए घटित हो तो उसका अच्छा असर और अगर बुरी घटनाए घटित हो तो उसका बुरा असर बच्चों के जिंदगी पर पडता दिखाई देता है. इसलिये अपने बच्चों के आसपास घटित हो रही घटना ओंकी जानकारी रखना हर माता पिता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है… साथ ही अपने बच्चों को अच्छे माहोल मे रखने की जिम्मेदारी भी उनके माता पिता की हो जाती है.  बच्चों का अच्छा भविष्य निर्मित करने मे सबसे बडी भुमिका बच्चों को उनके माता पिता के द्वारा दिये गये संस्कारों की होती है और अगर इस काम मे माता पिता से चूक हो जाये तो उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. मैने अपने इस किताब से यही बात समझाने का प्रयास किया है. हम बहोत बार अपने बच्चों की गलतियों को छोटा समझकर नजर अंदा

Virat Kohli s Double Standard

Written By - Mady Wadkar 

                 


  

        दोस्तो हमारे भारत देश के  लोगों मे सबसे जादा पागलपन और सबसे जादा  शौक अगर किसी चीज का है तो वो क्रिकेट का है. छोटो से लेकर बडे लोगों तक हर कोई क्रिकेट समझता है और क्रिकेट देखने के साथ खेलना भी पसंद करते है. 

      हमारे देश मे क्रिकेट की दिवानगी इस कदर है के हमारे यहाँ क्रिकेटर्स को भगवान का दर्जा भी दिया जाता है. जैसे के सचिन तेंदुलकर को  क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. साथ ही विराट कोहली, महेंद्र सिंग धोनी, युवराज सिंग, कपिल देव, सुनील गावसकर, रोहित शर्मा जैसे बहोत सारे ऐसे खिलाडी है जिन्हें हमारे देश के लोग अपना रोल मॉडेल मानते है. और ऐसे खिलाडीयों को अपना रोल मॉडेल बनाने के पीछे की सबसे बडी वजह ये होती है के ये सारे खिलाडी अपने देश के लिए खेलते है और अपने देश का नाम  पुरे विश्व मे उज्ज्वलीत करते है. 

        सही मायने मे देखा जाये तो हमारे देश के लोग इन खिलाडीयों के खेल के वजह से जो सम्मान देश को मिल रहा है उससे जादा प्रभावित होते है. पर यही खिलाडी जब देश के उपर अपने परिवार के बारे मे सोचने लगेंगे तो कैसा लगेगा. दोस्तो हमारे देश के सबसे सफल और साथ ही  विश्व के सबसे सफल खिलाडी विराट कोहली ने कुछ ऐसा ही काम कर दिया है. 

                 


       दरअसल विराट कोहली पापा बनने वाले है. ऐसे मे विराट कोहली अपने पहले बेटे के जन्म के वक्त अपनी पत्नी के साथ रहना चाहते है. जिसके लिए उन्होने पॅटर्निटी लिव के लिए BCCI के पास अर्जी कर दी थी. जिसे BCCI की ओर से मंजूर किया गया है. अब इसी के चलते विराट कोहली अभी शुरु होने वाले ऑस्ट्रेलिया टूर के खतम होने से पहले ही भारत लौट आयेंगे. दोस्तो इसमे कुछ गलत भी नहीं है. खुशियो के वक्त के समय हर कोई अपने फॅमिली के साथ रहना पसंद करता है. पर विराट कोहली से जुडी एक और बात है जो आपको बताना हम जरुरी समझते है. 

         आज से कुल 14 साल पहले जब विराट कोहली दिल्ली के लिए रणजी क्रिकेट खेला करते थे तब मैच के दौरान ही एक रात अचानक दिल का दौरा पडने से विराट कोहली के पिताजी की मौत हो गयी थी. उस वक्त विराट कोहली अपनी टिम की ओर से खेलते हुए 40 रन बनाकर नॉट आऊट खेल रहे थे. टिम को उस वक्त उनकी बहोत जादा जरुरत थी क्यों की उस वक्त उनकी टिम पर फॉलोव ऑन का खतरा मंडरा रहा था. ऐसे मे अपने टिम की जरुरत को समझते हुए विराट कोहली ने सुबह सुबह ही  अपने पिता का अंतिम संस्कार करके वापस मैच के लिए लौटे थे. उसके बाद विराट कोहली ने 90 रन बनाकर अपने टिम को फॉलोव ऑन से बचा लिया था. तो दोस्तो आज सबसे बडा सवाल ये है की केवल 18 साल की उम्र मे विराट कोहली ने जो खेल के प्रति निष्ठा और समर्पण सभी को दिखा दिया था वो आज कहा गया जब भारत की टिम ऑस्ट्लिया जैसे बडे टिम के साथ खेल रही है.

       दोस्तो आप सभी को 1999 का वर्ल्ड कप तो जरूर याद होगा. उस वर्ल्ड कप मे भारत अपना पहला मैच साऊथ आफ्रिका के साथ हार चुका था और दुसरा मैच झिम्बाबवे के साथ था. इसी बीच सचिन तेंदुलकर को अपने पिताजी के मौत की खबर मिल गयी. सचिन तेंदुलकर अपने पिताजी के अंतिम दर्शन के लिए भारत आ गये और भारत दुसरा मैच भी हार गया था. सचिन तेंदुलकर उस वक्त भारतीय टिम की रीड की हड्डी माने जाते थे. ऐसे मे अपने टिम की जरुरत को और देश की भावना ओंको समझते हुए सचिन तेंदुलकर तुरंत वापस मैच के लिए लौट गये और अगले ही मैच मे उन्होने 140 रन की पारी खेले थी जो उन्होने आसमान को देखते हुए अपने पिता को समर्पित कर दी थी.

                  


        ठीक ऐसे ही भारत ने जो 28 साल के बाद विश्व कप जीत लिया था उस टूर्नामेंट के हिरो रहे युवराज सिंग ने भी ऐसा ही खेल के प्रति समर्पण दिखाया था. इस टूर्नामेंट के दौरान युवराज सिंग कॅन्सर जैसी बडी बिमारी से लड रहे थे. कही बार उनकी तबियत खराब भी हो गयी थी जो स्क्रीन पर लोगों को दिखाई भी दे रहा था. पर युवराज सिंग वर्ल्ड कप जितने तक टिम से जुडे रहे और मॅन ऑफ दे सिरीज भी चुने गये. उसके बाद लोगों को पता चला के युवराज सिंग को जो तकलिफ और दर्द मिला वर्ल्ड कप के दौरान उसकी असली वजह कॅन्सर थी.

       दोस्तो ये होता राष्ट्र भाव और खेल के प्रति समर्पण. अपनी निजी परेशानीयो को और खूशियो  को बाजू मे रख जो देश के सम्मान के बारे मे सोचता है वो सही मायने मे खिलाडी होता है. हम विराट कोहली के दिल की ख़ुशी को समझते है और ये भी समझते है की वो इन ख़ुशी के दिनो मे अपने पत्नी के साथ रहना चाहते है. पर विराट कोहली को  आज ये याद रखना चाहिये की वो आज जिस मुकाम पर पहूंचे है जहाँ से पुरे देश के लोगों की उम्मीदें उनसे  बढ चुकी है. वो आज ऐसे खिलाडी बन चुके है जिनकी तुलना सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाडी से होती है. 

      ऐसे मे टूर्नामेंट को आधे मे छोड आना हम समझते है बहोत ही गलत है.  ऐसा ही कुछ किस्सा सुनील गावसकर जी के साथ भी हुआ था जहाँ उन्होने दॊ महिने के बाद अपने बेटे रोहन का चेहरा देखा था. तब उन्होने देश के लिए खलते हुए बढिया प्रदर्शन भी दिखाया था.

       विराट कोहली के इस हरकत की हम कडी निंदा करते है.  दोस्तो आप क्या सोचते है ये आप हमे नीचे कंमेंट बॉक्स मे जरूर बतायें. 


जय हिंद... जय भारत.. 

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