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Inspirational Crime And Suspense Story in Hindi

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  प्रस्तावना  "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसे हर कोई अपनी जिंदगी मे जीता है. "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसमे हर किसी के भविष्य की निव रखी जाती है. इसलिये हमारे घर के बच्चों के बचपन का खयाल रखने की प्रमुख जिम्मेदारी उनके माता पिता की होती है. बचपन मे बच्चों के आसपास घटित होने वाली हर घटना का प्रत्यक्षरूप से असर बच्चों के जिंदगी पर पडता रहता है. अगर अच्छी घटनाए घटित हो तो उसका अच्छा असर और अगर बुरी घटनाए घटित हो तो उसका बुरा असर बच्चों के जिंदगी पर पडता दिखाई देता है. इसलिये अपने बच्चों के आसपास घटित हो रही घटना ओंकी जानकारी रखना हर माता पिता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है… साथ ही अपने बच्चों को अच्छे माहोल मे रखने की जिम्मेदारी भी उनके माता पिता की हो जाती है.  बच्चों का अच्छा भविष्य निर्मित करने मे सबसे बडी भुमिका बच्चों को उनके माता पिता के द्वारा दिये गये संस्कारों की होती है और अगर इस काम मे माता पिता से चूक हो जाये तो उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. मैने अपने इस किताब से यही बात समझाने का प्रयास किया है. हम बहोत बार अपने बच्चों की गलतियों को छोटा समझकर नजर अंदा

Gautam Gambhir - Bio

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Written by-Mady Wadkar       गौतम गंभीर.....भारतीय क्रिकेट का एक ऐसा नाम जिसे जितना बडा नाम और इज्जत मिलनी चाहिये थी,  उतनी मिली नहीं... एक ऐसा नाम जिसके टॅलेंट कि जितनी तारीफ होनी चाहिये थी, उतनी तारीफ मिली ही नहीं... एक ऐसा नाम जिसे टिम मे रहने के लिए और देश के लिए खेलने के लिए जितने मौके मिलने चाहिये थे, उतने मौके मिले ही नहीं.... दोस्तो ये मेरी निजी राय है गौतम गंभीर के बारे मे और मै आज इस ब्लॉग मे गौतम गंभीर के निजी जिंदगी कि और साथ ही उनके क्रिकेट करीयर मे आये उतार चढाव कि बात करुंगा.     मध्यमवर्गीय फॅमिली से आने वाले गौतम गंभीर का जन्म 14 अक्तूबर 1981 मे नई दिल्ली मे हुआ था. उनके पिता का नाम दीपक गंभीर है और वो  टेक्सटाईल व्यापार मे काम करते थे. उनकी माँ एक गृहिणी थी. गौतम गंभीर केवल 18 दिन के थे तब उनके दादा दादी ने उन्हे गोद ले लिया था. उन्होने अपनी सारी शिक्षा मॉडर्न स्कुल, दिल्ली से ग्रहण कर ली थी. 10 साल कि उमर से ही गौतम गंभीर को क्रिकेट मे दिलचस्पी होने लगी थी. इसी के चलते वो अपने मामा पवन गुलाटी के साथ रहने लगे थे. उनके मामा ने भी उनके क्रिकेट के प्रति के प्यार और इचछा

Information of Congress

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  Written by-Mady Wadkar       काँग्रेस हमारे भारत देश कि सबसे पुरानी पार्टी है. जिसका देश कि आजादी मे बहोत बडा योगदान रहा है. आज हम इस ब्लॉग मे उसी कॉग्रेस पार्टी के इतिहास के बारे मे बात करेंगे.       सन 1885 मे मुंबई के गोकुळदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज मे काँग्रेस कि निव रखी गयी थी. एक रिटायर्ड अंग्रेज अफसर एलन ह्यूम ने ये सभा बुलायी थी. जिसमे काँग्रेस बनी और काँग्रेस के पहले अध्यक्ष बने वोमेश चंद्र बैनर्जी. काँग्रेस एक ऐसी पार्टी बनी  जिसने हमारे देश को गुलामी के बेडियों मे जखडे भी देखा और देश को आजादी मे खुली साँस लेते हुए भी देखा. बहोत सारे लोग ये समझते थे कि काँग्रेस अंग्रेजों के छत्र तले बनी पार्टी है जो अंग्रेजों कि मददगार कि रूप मे कार्य करती है. पर बाद मे महात्मा गांधी जी के आँधी ने अंग्रेजों को देश से भगाकर देश को स्वतंत्रता दिलायी थी.      भारत के आजाद होने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव मे तकरीबन 45 फिसदी जनता ने काँग्रेस पर मुहर लागते हुए संसद कि 364 सीटे काँग्रेस के नाम कर दी. आजाद भारत के पहले पंतप्रधान पंडित जवाहरलाल नेगरु बने थे. उसके बाद 1957 मे काँग्रेस और भी जादा मजबूत

नथुराम गोडसे - Bio

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  Written by-Mady Wadkar                               दोस्तो, हमारे पुरे भारत वर्ष मे नथुराम गोडसे को कौन नहीं जानता.  पर उनकी ये पहचान उनके अच्छे कामो कि वजह से नहीं होती बल्की एक हत्यारे के रूप मे होती है. ऐसा क्यो है और नथुराम गोडसे कि क्या कहानी है..आज हम इस ब्लॉग मे इसी बारे मे बात करेंगे.             नथुराम गोडसे का जन्म महाराष्ट्र के पुणे जिल्हे मे हुआ था. उनके पिता का नाम विनायक वामनराव गोडसे था तथा माता का नाम लक्ष्मीबाई था. जन्म से उनका नाम रामचंद्र था परंतु एक घटना के चलते उनका नाम नथुराम पड गया था. नत्थुराम के जन्म से पहले उनके 3 भाई और एक बहन थी. पर दुर्बग्यवश उनके तीनो भाइयों कि मौत हो गयी थी. इसी के चलते बेटो कि इस तरह से होने वाली मौत से घबराकर नत्थुराम के माता पिता उनको बचपन मे लडकी बनांकर रखते थे और इस वजह से उनको बचपन मे नाक मे नथनी तक पहननी पडी थी. इसी कारणवश उनका नाम नथुराम पड गया था. उनके छोटे भाई के जन्म के बाद से उनके माता पिता उनको बेटा बताने लगे थे. पुणे जिल्हे के बारामती मे गोडसे ने अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण कर ली थी. वो अपने स्कूल के दिनो मे महात्मा गांधी

Virat Kohli - Bio

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   Written by-Mady Wadkar              भारतीय क्रिकेट के इतिहास मे सबसे सफल और सभी भारतीय लोगों के दिल मे खास जगह बनाकर पुरे विश्व मे क्रिकेट के माध्यम से अपने देश का नाम उज्वलीत करनेवालों कि बात होगी तो उसमे विराट कोहली का नाम सबसे उपर आयेगा. भारत के क्रिकेट के इतिहास मे ऐसे खिलाडी को पुरे देश ने इससे पहले कभी नहीं देखा था. आज हम इसी सफल खिलाडी के सफल जीवन कि सफल कहानी के बारे मे बात करेंगे.            विराट कोहली का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली के एक पंजाबी फॅमिली मे हुआ था. विराट कोहली अपने घर मे सबसे छोटे थे.  पिताजी पेशे से वकील थे और मां सरोज एक गृहिणी थी. हमारे देश मे बुजुर्ग कहते है कि बच्चा बडा होके क्या बनेगा ये उसके बचपन मे ही पता चल जाता है,  और कुछ ऐसा ही विराट कोहली के बारे मे भी हुआ.  केवल 3 साल कि उमर मे विराट कोहली ने बॅट का दामन थाम लिया था और अपने पिताजी को अपने साथ खेलने के लिए परेशान किया करते थे. बचपन मे उनका स्वाभाविक खेल देखकर पडोसी भी विराट कोहली के माता पिता से कहते थे कि विराट को किसी क्रिकेट क्लब मे दाखिल कर देना चाहिये.           अपने बेटो के भविष्य के प्रति

Mirzapur - Web Series

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   Written by-Mady Wadkar                                   दोस्तो... हमारे देश मे बहोत ही कम लोग ऐसे होंगे जो मिर्झापूर web series के बारे मे नहीं जानते होंगे. इस series को पुरे भारत देश मे बहोत पसंद किया गया. सभी ने इस series के कन्टेन्ट कि और उसके अंदर के सारे किरदारो के काम कि दिल खोल के तारीफ कि. होनी भी चाहिये... क्यों कि सभी ने बहोत ही अच्छा काम किया है.            पर अच्छे कन्टेन्ट के साथ उसमे जिस तरह कि अश्लीलता फैलायी गयी है क्या वो सही है. किरदारो के अच्छे काम  के नाम पर हमारी संस्कृती कि मर्यादा लाँगने वाले अश्लील सीन्स दिखाना क्या सही है.  मिर्झापूर कि तारीफ तो सभी ने कि पर जिस प्रकार हमारी हिंदू संस्कृती को तार तार करने वाले अश्लील सीन्स इस series मे दिखाये गये है क्या उसकी किसी ने निंदा कि. आज मै इस ब्लॉग मे इसी मुद्दे पे बात करुंगा.           हम सब ये जानते है कि मिर्झापूर A ग्रेड के अंतर्गत रिलीज कि गयी है. इसका मतलब ये web series 18 साल के उपर के लोगों के लिए बनायी गयी है और इसीलिये इसके अंदर भर भर के गालियों का इस्तेमाल किया गया है. जिस तरह कि स्क्रिप्ट है उसके हिसाब

CAA ( Citizenship Amendment Act ) Protest

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  Written by-Mady Wadkar                   हमारे देश मे लोकतंत्र है. इसीलिये हमारा संविधान हमे अपनी बात को खुलेआम रखने कि और अगर हमे कोई बात सही ना लगे तो उसका विरोध करने कि पुरी आजादी देता है.  अगर कोई बात या कोई मुद्दा हमे गलत लगे तो उसका विरोध करना भी चाहिये. फिर चाहे वो बात हमारी निजी जिंदगी से जुडी हो या फिर देश से जुडी हो.             पर किसी चीज को बिना समझे विरोध करके देश का माहौल खराब करने कि कोशिश करना क्या सही है...  किसी चीज के बारे मे लोगों को गलत बाते बताकर उनको गुमराह करना क्या सही है.... विरोध के चलते देश को तोडने कि बाते करने वालों को मंच दे देना क्या सही है.... आज पुरे देश को इन सारी बातों के बारे मे सोचने कि और उन बातों को समझने कि जरुरत है.           मोदी सरकार के अंतर्गत देश कि संसद मे एक बिल लाया गया जिसका नाम था CAB.  ये बिल संसद मे पारीत होकर उसमे राष्ट्रपती कि मुहर लगने के बाद वो बिल CAA बन गया जिसे हिंदी मे नागरीकता संशोधन कानून कहते है. इस कानून के बनते ही मुस्लिम धर्म के लोगों कि तरफ से इस कानून का विरोध शुरु हो गया.... क्या ये सही है ये जानने के लिए इस कान

Bollywood - depends on Tollywood

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  Written by-Mady Wadkar बॉलीवूड अब Tollywood के सहारे.....            दोस्तो मेरी इस बात को आप भी मानेंगे.  आज कल बॉलीवूड बेस्ट कन्टेन्ट वाली फिल्मे बनाना पुरी तरह से भूल गया है ऐसा अब सभी को लगने लगा है और शायद इसीलिये अब बॉलीवूड मे जादा तर साऊथ कि फिल्मो को रिमेक किया जाता है. ऐसा नहीं है के बॉलीवूड मे कन्टेन्ट वाली फिल्मे बनती ही नहीं है. राजकुमार हिरानी,  अनुराग बासू जैसे कुछ डायरेक्टर्स है जो बढिया फिल्मे बनाते है. पर ये भी सच है कि बॉलीवूड के बडे सुपर स्टार्स और बडे निर्माता अब साऊथ के फिल्मो पर पुरी तरह से निर्भर दिखाई दे रहे है.             अगर किसी निर्माता को पैसे कमाने हो या फिर किसी बडे सुपर स्टार को अपना डुबता करियर बचाके अपने करियर कि नाव को किनारे तक पहुंचाना हो तो सारे ही अब साऊथ कि फिल्मो को रिमेक करना पसंद कर रहे है. साऊथ कि फिल्मो का रिमेक ये अब बॉलीवूड मे फिल्मो को ब्लॉकबस्टर कराने का एक बहोत बडा ट्रेंड बन चुका है.           सलमान खान को आज कौन नहीं जानता.  आज उन्हे बॉलीवूड का सबसे बडा स्टार मना जाता है.  पर इसमे सबसे बडा योगदान साऊथ कि फिल्मो का है. जब उनका फिल्मी

बाळासाहेब ठाकरे - हिंदुहृदयसम्राट

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Written by-Mady Wadkar                   किसी एक ऐसे राजनेता का नाम पूछा जाये जिसके नाम से महाराष्ट्र कि पहचान होती हो तो सारे लोगों के मुह पे एक ही नाम आयेगा जो है  हिंदुहृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरे.          किसने सोचा था के एक मामुली कार्टूनिस्ट महाराष्ट्र का सबसे बडा नेता बनेगा,  किसने सोचा था के एक मध्यमवर्गीय फॅमिली का इन्सान एक दिन महाराष्ट्र चलाएगा.... दोस्तो आज इस ब्लॉग मे हम बाळासाहेब ठाकरे कि बेबाक और मार्गदर्शनीय जीवन यात्रा कि बात करेंगे.           बाळासाहेब ठाकरे का जन्म 23 जनवरी 1926 को हुआ था. अपने 9 भाई बहनो मे वो सबसे बडे थे. उनकी पत्नी का नाम मीना ठाकरे था. बाळासाहेब जी के 3 बेटे थे. बिंदू माधव,  जयदेव और उद्धव ठाकरे.  पढाइ से जादा खुद के क्रिएटीविटी पे भरोसा करने वाले बाळासाहेब जी एक कार्टूनिस्ट कि तौर पर कम करने लगे. 1960 मे उन्होने ये नौकरी भी छोड दि.  उसके बाद उन्होने राजनैतिक अकबार शुरु कर लिया. उनकी राजनीती कि रुची उनके पिता से प्रभावित थी.            देश और दुनिया मे क्या चल रहा है इसमे रुची रखने वाले और अपनी खुद कि अलग सोच के लिए जाने जानेवाले बाळासाहेब ठाकरे ज

Radhe Shyam - Prabhas

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  Written by-Mady Wadkar                      बाहुबली जैसी Blockbuster फिल्म करके बॉलीवूड को और बॉलीवूड सुपर स्टार्स को पीछे छोड देने वाले साऊथ सुपर स्टार प्रभास कि आनेवाली Most awaited फिल्म राधेशाम का First Look रिलीज हो चुका है.             बाहुबली फिल्म करने के बाद से ही रिबेल स्टार प्रभास एक इंटरनॅशनल स्टार बन चुके है.  इसलिये उनके सारे फॅन्स को उनकि आने वाली फिल्मो का बेसबरी से इंतजार रहता है. ऐसे मे राधेशाम का First Look रिलीज होना प्रभास के फॅन्स के लिए किसी गुड न्युज से कम नहीं है.            फिल्म के First Look कि बात करे तो इस बार फिल्म सिर्फ एक्शन से भरपूर नहीं रहनेवाली है,  साथ मे एक दुसरे पे मर मिटने वाला प्यार भी दिखाई देने वाला है.  First Look पोस्टर मे पुराने जमाने कि झलक दिखाई देती है और प्रभास का पोस्टर जो रिलीज किया गया है जिसमे प्रभास एक मॉडर्न लुक मे नजर आं रहे है.  इस वजह से इस बात का अंदाजा लग जाता है के ये फिल्म जन्मो जन्मांतर कि प्रेम कहानी पर आधारित हो सकती है. इसका मतलब बहोत दिनो के बाद लोगों को एक पुरी तरह से प्रेम कहानी पर आधारित फिल्म देखने को मिलने वाली

महाभारत - Mukesh Khanna vs Gajendra Chauhan

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  Written by-Mady Wadkar                 1990 साल मे सबसे जादा चलने वाली और घर घर मे देखे जाने वाली कोई टेलिव्हिजन सिरीयल का नाम पूछा जाये तो सबके मुह मे एक ही नाम आयेगा और वो है रवि चोपडा कि बहुचर्चित महाभारत.       इस महाभारत मे मुकेश खन्ना जी और गजेंद्र चौहान जी ने दो अहम किरदार निभायें थे. मुकेश जी ने पितामह भीष्म का किरदार निभाया था तो गजेंद्र जी ने धर्मराज युधिष्ठिर का किरदार निभाया था. महाभारत मे धर्म ज्ञाता के नाम से जाने जानेवाले इन दो किरदारों के  बीच आज कलयुग मे महाभारत छिड गयी है.           दरअसल,  कुछ दिन पहले कपिल शर्मा शो मे 1990 के दशक के महाभारत के कास्ट को बुलाया गया.  पर इस शो मे मुकेश खन्ना जी दिखाई नहीं दिए. हालाकी इस शो मे मुकेश जी को न्योता दिया ही नहीं गया. इस बात पे तरह तरह कि बाते होने लगी.  उसी के चलते मुकेश जी ने इसके पीछे कि वजह बताते हुए कहा कि कपिल शर्मा कि तरफ से इस शो का न्योता आने से पहले इसी महाभारत टीम के एक कलाकार ने मुकेश जी को इस शो मे जाने का न्योता जल्द ही मिल सकता है कहा था.  इस बात पर मुकेश जी ने कहा था के न्योता मिलने पर भी मै इस शो मे नहीं आ