Inspirational Crime And Suspense Story in Hindi

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  प्रस्तावना  "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसे हर कोई अपनी जिंदगी मे जीता है. "बचपन" एक ऐसा पर्व जिसमे हर किसी के भविष्य की निव रखी जाती है. इसलिये हमारे घर के बच्चों के बचपन का खयाल रखने की प्रमुख जिम्मेदारी उनके माता पिता की होती है. बचपन मे बच्चों के आसपास घटित होने वाली हर घटना का प्रत्यक्षरूप से असर बच्चों के जिंदगी पर पडता रहता है. अगर अच्छी घटनाए घटित हो तो उसका अच्छा असर और अगर बुरी घटनाए घटित हो तो उसका बुरा असर बच्चों के जिंदगी पर पडता दिखाई देता है. इसलिये अपने बच्चों के आसपास घटित हो रही घटना ओंकी जानकारी रखना हर माता पिता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी बन जाती है… साथ ही अपने बच्चों को अच्छे माहोल मे रखने की जिम्मेदारी भी उनके माता पिता की हो जाती है.  बच्चों का अच्छा भविष्य निर्मित करने मे सबसे बडी भुमिका बच्चों को उनके माता पिता के द्वारा दिये गये संस्कारों की होती है और अगर इस काम मे माता पिता से चूक हो जाये तो उनके बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाता है. मैने अपने इस किताब से यही बात समझाने का प्रयास किया है. हम बहोत बार अपने बच्चों की गलतियों को छोटा समझकर नजर अंदा

Sachin Tendulkar - wikipedia

Written By - Mady Wadkar 

                   


  "गॉड ऑफ क्रिकेट" यानी के सचिन तेंदुलकरl भारत देश के एक ऐसे क्रिकेटर जो सिर्फ रिकॉर्डस बनाने के लिए जाने जाते हैl आखिर भारत ने अपने क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर के संन्यास की बधाई दी, जो लगभग 25 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना 200 वां और अंतिम अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच खेल चुके हैं।  सचिन तेंदुलकर ने "द लिटिल मास्टर" के असाधारण करियर को सलाम करने के लिए एक महीने पहले अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की।  तेंदुलकर ने ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो किसी भी क्रिकेटर के लिए तोड पाना नामूमकिन के बराबर है।  उदाहरण के लिए, वह वने डे और टेस्ट क्रिकेट के मिलाकर   100 से अधिक "शतक" बनाने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैंl 


 सचिन तेंदूलकर ने नवंबर 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला और किसी भी अन्य क्रिकेटर की तुलना में पहले ही मैच मे अधिक सकारात्मक दिखाई दिए। सचिन तेंदुलकर  संसद के ऊपरी सदन के सदस्य भी हैं। 20 क्रिकेट विश्व कप के अवसर पर तेंदुलकर के चित्र को प्रकाशित भी किया गया।

                    



   "अगर क्रिकेट एक धर्म है, तो सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के भगवान हैं,"  ये एक भारत मे लोकप्रिय कहावत बन चुकी है।  इस कहावत पर सचिन ने  विनम्रता से जवाब दिया के , "मैं सिर्फ एक क्रिकेटर हूं।" यह शायद, मूल रूप से, "सचिन" के लिए आराधना की कुंजी है। प्रतिभा की सेवा में उनकी ये नैतिक विनम्रता है।  ऑल-मनी और हाई रोलर्स के इन समयों में, सचिन ने भारत को उतना ही बड़ा बना दिया, जितना की उनके फैन्स को उनसे उम्मीदें थी।  

         एक अच्छा पति, एक जिम्मेदार पिता, एक सफल बेटा, एक आज्ञाकारी भाई,  एक वफादार दोस्त और एक धार्मिक हिंदू, सचिन तेंदुलकर ने खुद को हर एक रूप मे सही साबित किया है।  सचिन तेंदुलकर एक असाधारण व्यक्ती है जो साधारण कुटुंब से आते है। वो असाधारण बने अपने कर्तृत्व से पर शिष्टाचार के साथ।

  सचिन तेंदुलकर बॉम्बे (जिसे अब मुंबई कहा जाता है) के है। सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रेल 1973 को मुंबई मे हुआ। पिता एक शिक्षक थे। सचिन तेंदुलकर की रुची एक बच्चे के रूप में, टेनिस के लिए अधिक थी।  जॉन मैकेनरो उनके आदर्श थे।  लेकिन उनके अंदर की क्रिकेट की क्षमता को उनके बड़े भाई अजीत ने जल्दी से पहचान लिया और उनको प्रोत्साहित करने के लिए उन्हे आगे बढाया और यही से उनके क्रिकेट की असली शुरुवात हुई। सचिन तेंदुलकर केवल 16 साल के  थे जब उन्होने 1989 में कराची में टीम इंडिया के साथ पाकिस्तानी "दुश्मन" की गोद में अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया।

                


  24 फरवरी, 010 को, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर मे  उन्होंने एक दिवसीय मैच में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की। सचिन तेंदुलकर पहले ऐसे खिलाडी बने जिन्होने एकदिवसीय क्रिकेट के इतिहास मे दोहरा शतक जड दिया और  दो साल बाद उन्होंने ढाका, बांग्लादेश में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का सौवां शतक पूरा किया। उन्होंने भारतीय जनता को एक 'गर्वित भारत' दिया। हर एक भारतीय आज गर्व से कहता है के सचिन तेंदुलकर हमारे देश के क्रकेटर है। भारतीय टिप्पणीकारों के लिए, इसमें कोई संदेह नहीं है के सचिन तेंदुलकर एक अब तक के सबसे बडे ड्रमर है।  दूसरे युग के नायक ऑस्ट्रेलियाई डॉन ब्रैडमैन (1908-2001) के साथ भी सचिन तेंदुलकर की तुलना की जाती है।


  शायद इसलिए  सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का  भगवान कहा जाता हैं।  हिंदू दैनिक के स्पोर्ट्स रिपोर्टर विजय लोकपल्ली ने कहा, " सचिन तेंदुलकर समकालीन भारत के एकमात्र व्यक्ति हैं जो राष्ट्र को एक ठहराव में ला सकते हैं।"  इसकी जीत सड़कों पर भीड़ को उतना ही फैला सकती है जितना कि इसके झटके भक्तों को निराशा से भर सकते हैं। इससे बडी उपलब्धी किसी के लिए क्या हो सकती है।  सचिन एक राष्ट्रीय रत्न है।  वह एक देश, एक लोगों का प्रतीक हैं।  वह "विश्व पर विजय प्राप्त करने के लिए उत्सुक युवा भारत का आत्म विश्वास बढाने का कार्य करते है। सचिन तेंदुलकर का अपमान करना मतलब देश का अपमन करने जैसा है और इस बात को कुछ लोगों को समझने की जरुरत है।


  क्रिकेट पीच पर चौबीस साल की शानदार उपस्थिति के बाद सचिन एक महान क्रिकेटर बन चुके है। साथ ही एकदिवस क्रिकेट मे पहले दोहरा शतक बनाने वाले क्रिकेटर और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मे 100 शतक बनाने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बन चुके है। आज तक किसी भी खिलाडी को उनके प्रदर्शन को देखते हुए भारतरत्न पुरस्कार से नवाजा नहीं गया है। सचिन तेंदुलकर पहले ऐसे खिलाडी बने जिन्हें उनके अभूतपूर्व और ऐतिहासिक प्रदर्शन को देखते हुए भारतरत्न जैसे देश के सर्वोच्च पुरस्कार से नवाजा गया है।

        दोस्तो हम सचिन को एक महान क्रिकेटर के साथ भारत देश का गौरव भी मानते है। आप क्या सोचते है ये आप हमे नीचे कमेंट बॉक्स मे जरूर बतायें।


       जय हिंद.....जय भारत...


  

  

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