Indian Muslim Culture - Definition
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मै हूँ भारत का मुसलमान….. भारत देश के स्वतंत्रता के लिये शहिद होने वाले अशफाक उल्लाह खान जैसे वीरों क अपना हिरो मानने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान….देश के आजादी के वक्त जिन्ना की कट्टरवादी इस्लामी सोच को लथाडकर बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा लिखे गये संविधान के साथ भारत मे रहने मे अपना सौभाग्य मानने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान…..भारत को लुटने आये हुये अकबर, बाबर, अल्लाउद्दीन और
औरंगजेब जैसे लुटेरो और आक्रांता ओंकी कडी निंदा करने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान….. केवल मुस्लिम होने के कारण इन सारे आक्रांता ओंका समर्थन करने वाले कट्टर मुस्लिम लोगों को देश विरोधी मानने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान….लव जिहाद की हकीकत से मुह ना फेरकर इस सच्चाई को बडी ही शर्मिंदगी के साथ स्वीकार करने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान…. इस्लामिक देशों से भी जादा धार्मिक और व्यक्तिगत आजादी मिलने वाले देश मे रहने वाला, मै हूँ भारत का मुसलमान…..सीना तान के देश के सम्मान मे "वंदे मातरम" और "भारत माता की जय" के नारे लगाने वाला, मै हूँ भारत का सच्चा और देशभक्त मुसलमान…..
आज कट्टर सोच वाले मुस्लिम धर्मगुरू और तथा कथात मुस्लिम बुद्धीजीवी ओंकी वजह से पुरे भारत का आम और पढा लिखा मुसलमान परेशान है . आज इ न लोगों की गैर इस्लामिक सोच की वजह से सच्चे मुसलमान की ओर भी शक की नजर से देखा जाता है. ऐसे ही लोगों मे से मै भी एक मुसलमान हूँ. इसलिये मेरे और मेरे जैसे देश के करोडो मुस्लिम भाई ओंके मन मे चल रही कही सारी बातों का विश्लेषण आज मै इस ब्लॉग के माध्यम से करुंगा. ताकी सच्चे मुसलमान के दिल की बात सारे देश को पता चल जाये और हम जैसे देशभक्त मुसलमानों को सम्मान की नजर से देखा जाये. आज मै मेरे उन सारे मुस्लिम भाई ओंके दिल कि बात इस ब्लॉग मे रखना चाहता हूँ, जो बात कही ना कही मेरे मुस्लिम भाई कट्टर धर्मगुरू ओंके या तथा कथित मुस्लिम बुद्धीजीवी ओंके डर कि वजह से कह नहीं पाते….
मुस्लिम समाज को दबाकर और डराकर रखना क्यों है जरुरी?
मै पहले ये सवाल करना चाहता हूँ उन कट्टर सोच वाले मुसलमान लोगों से के हमारे भारत देश मे मुस्लिम समाज को किस बात की कमी है? क्यों कट्टर सोच के मुस्लिम लोग हमेशा मुस्लिम समाज को असुरक्षित होने का दावा करते हुए दबाकर रखते है?
और मै ये भी जानता हूँ के इन सवालों का जवाब क्या आयेगा. यह सारे कट्टर लोग यही दलिल देंगे के इस देश मे हमे सम्मान नहीं मिलता… हमारे नौजवानों को धर्म के नाम पर मार दिया जाता है… इस देश मे हमसे हमारे धार्मिक अधिकारों को छिना जा रहा है…. ऐसी सोच रखने वाले मेरे मुस्लिम भाई ओंकॊ मै बताना चाहता हूँ के सम्मान जो होता है, वों मांगने की चीज नहीं होती बल्की सम्मान को अपने शुद्ध कर्मो से पाने की चीज होती है. आज मेरे कही सारे हिंदू भाई दोस्त है. ईद मे वों हमारे घर आकर खीर और बिर्याणी खाकर जाते है है और दिवाली मे हम उनके घर चिवडा और लड्डू खाकर आते है. हमे कही पर भी ऐसा नहीं लगता के हिंदू समाज हमारे देश मे बहुसंख्यक आबादी मे से एक है और वों हमे अपमानित कर रहे हो. इस देश का एक नियम है अच्छे कर्म से ही जीवन मे सुख और सम्मान की प्राप्ती होती है. पर हमारे कट्टर गैरइस्लामिक सोच के लोग इस बात को भूल जाते है.
दुसरी दलिल यह लोग देते है की भारत देश मे मुस्लिम सुरक्षित नहीं है. उनकी इस बात को मै सही भी मानता हूँ. क्यों की ये देश उन लोगों के लिये असुरक्षित है जो देश विरोधी बाते करते है… ये देश उन लोगों के लिये असुरक्षित है, जो कट्टर गैर इस्लामिक सोच के लिये खडे रहते रहते बेशर्मी के साथ देश विरोधी गतीविधि ओंमे शामिल हो जाते है...ये देश उन लोगों के लिये असुरक्षित है जो गैर इस्लामिक सोच के तहत पवित्र इस्लाम की सोच को बदनाम करते हुए आतंकवाद और आतंकवादी ओंका समर्थन करते है… ये देश उन लोगों के लिये असुरक्षित है, जो लोग इस देश मे शरिया कानून लाने का बेबूनियाद और बेवकूफो वाला कभी ना पुरा होने वाला ख्वाब देख रहे है…हम जैसे मुसलमानों के हमारे देश मे सम्मान भी है और हमारे लिये यह देश सुरक्षित भी है.
हमेशा आतंकवाद का समर्थन क्यों करते है मुसलमान?
अक्सर हमारे देश मे यह सवाल उठाया जाता है और एक देशभक्ती भारत का मुसलमान होने की वजह से इस सवाल को मै गलत नहीं मानता. यह एक कडवी सच्च्याई है, जिसे मानने मे मुझे कोई समस्या नहीं होलियेती. मुझे समस्या इसलिये भी नहीं होती क्यों की मै जानता हूँ के मेरे देश के हिंदू भाई यह सवाल देश के कट्टर और गैर इस्लामिक सोच के मुसलमानों के लिए उठाते है.
मेरे जैसे देशभक्त मुसलमान इस बात को समझते है पर हमारे ही कौम के कट्टरवादी लोगों की वजह से हमे बहोत बार और बहोत सारी जगहों पे शर्मिंदगी और बेईजाती का सामना करना पडता है. सुप्रिम कोर्ट देश की सबसे बडी अदालत है. एक ऐसी न्याय व्यवस्था जिसके आदेश के सामने भारत की सरकार भी नतमस्तक हो जाती है. ऐसे सुप्रिम कोर्ट द्वारा आतंकी याकूब मेमन को फासी की सजा दी जाती है, और हमारे तथा कथात बुद्धीजीवी सेक्युलॅरिजम का रोना रोते हुए सुप्रिम कोर्ट के खिलाफ बाते करने लग जाते है…. कुछ लोग इस बात को धर्म से उस व्यक्ती से जोड देते है… कुछ लोग यह बात बोलते है की, याकूब मेमन को फासी उसके मुसलमान होने की वजह से मिल रही है… कुछ लोग याकूब मेमन को बचाने के लिये फासी से पहले देर रात तक सुप्रिम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते है…. यहाँ तक की हमारे देश का बहोत बडा सुपर स्टार याकूब मेमन के फासी के एक दिन पहले याकूब मेमन के समर्थन मे ट्वीट कर देता है….इन सारे लोगों के असफल प्रयासों के बीच जब याकूब मेमन को फासी दी जाती है, तो उसके जनाजे पर हजारो मेरे मुस्लिम भाई जमा हो जाते है…
ऐसे मे मै उन सारे मुस्लिम भाई ओंसे पुछना चाहता हूँ के, जो इन्साम मुंबई के बम्ब धमाके जैसे जुर्मं मे लिप्त हो… जिस इन्सान की वजह से सैकडो लोगों की जान चली गयी…न जाने कितने बच्चे अनाथ हो गये, न जाने कितनी बहने विधवा हो गयी, ऐसे इन्सान को बचाने के लिये अगर इस तरह की चीजे करोगे तो मेरे मुस्लिम भाईओ आपको इस देश मे इज्जत कैसे मिलेगी?
अफजल गुरु को भी सुप्रिम कोर्ट द्वारा फासी दी जाती है. वों अफजल गुरु जो देश के संसद हमले मे लिप्त था. इसका भी मेरे कही सारे मुसलमान भाई ओंने विरोध किया. कुछ लोगों ने भारत के सर्वोच्च न्यायपालिका द्वारा दिये गये फासी की सजा को Judiciary Killing तक कह दिया. ये बात सिर्फ इसलिये कही गयी क्यों की अफजल गुरु एक मुसलमान था. हर बार मेरे ये कट्टर मुस्लिम भाई धर्म के नाम पर आताकवादी ओंका समर्थन करने लग जाते है… पर मेरे मुस्लिम भाई ये बात भूल जाते है के ऐसे लोगों का समर्थन करना मतलब देश का विरोध करना ही होता है. ऐसे मे इस तरह के मेरे मुस्लिम भाई ओंकॊ अगर मेरे हिंदू भाई देश विरोधी और देशद्रोही मानते है तो क्या गलत करते है….. इस तरह के मेरे मुस्लिम भाई ओंकॊ पाकिस्तान जाने की सलाह दी जाती है तो क्या गलत करते है और इस तरह के मेरे मुस्लिम भाई ओंकॊ मै और मेरे जैसे देशभक्त मुसलमान गैर इस्लामिक मानते है तो क्या गलत करते है….
गुरहान वाणी जैसे आतंकवादी को जब हमारे देश के सिपाही ढुंढ कर मार देते है… तब मेरे जैसे कही सारे भारतीय मुसलमानों को कुछ फर्क नहीं पडता. पर हमारे कट्टर सोच के मुसलमान उसके हत्या का भी विरोध करने लग जाते है. कुछ लोग इस आतंकवादी को "भटका हुआ नौजवान" करार दे देते है. ऐसे लोगों को इस्लाम मे इन्सानियत का दुष्मन माना गया है. फिर क्यों इस तरह के लोगों के बचाव मे कट्टर मुस्लिम भाई हमेशा खडे हो जाते है….फिर क्यों हमारे तथा कथात मुस्लिम बुद्धीजीवी लोग ऐसे आतंकवादी ओंका खुले दिल से निंदा नहीं कर पाते है. .. ऐसे बहोत सारे सवाल आज मेरे जैसे करोडो मुस्लिम भाई ओंके दिमाग मे चल रहे है.
भारत देश के लुटेरों का और आक्रांता ओंका समर्थन क्यों?
सुप्रिम कोर्ट का कोई फैसला हिंदू समाज के खिलाफ आता है तो हमारे ये कट्टर सोच वाले मुस्लिम भाई खुले दिल से उसका समर्थन करने लग जाते है, पर जैसे ही वही फैसला मुसलमानों के खिलाफ आ जाता है तो वही मेरे भाई उस फैसले का विरोध करने लग जाते है. यहाँ तक की सुप्रिमी कोर्ट की निष्पक्षता पर सवाल खडे होने शुरु हो जाते है. ऐसे ही कट्टर और गैर इस्लामिक सोच के मुसलमानों की वजह से आज आम मुसलमान को इस देश मे संदेह की नजर से देखा जाता है और इसके लिये मै हमारे हिंदू भाई ओंकॊ गलत नहीं मानता. क्यों की ये हमारे ही कौम के गैर इस्लामिक सोच के लोगों के बुरे कर्मो का ही फल है जो मेरे जैसा आम मुसलमान भुगत रहा है.
उदाहरण की तौर पर बात करू तो मुगलों का समर्थन. मै एक सच्चा भारतीय मुसलमान होने की वजह से अपने इतिहास की जानकारी राखता हूँ के मुगल आक्रांता थे. जिन्हें पता था के भारत एक बहोत संपन्न देश है. इसलिये देश को लुटने के मनसुबे से मुगल हमारे देश आये. हमारे देश को लुटते लुटते मुगलों ने यही भारत मे ही बसने का निर्णय कर लिया. हमारे देश मे बसने के बाद मुगलों ने हमारे भारत देश मे इस्लाम का विस्तार शुरु कर दिया. इसी के चलते मुगलों ने हिंदू धार्मिक स्थलो का और मंदिरों का नाश कर दिया और उन जगहों पर मस्जिदों का निर्माण कर दिया. अन्य धर्मीय लोगों पर अत्याचार किये. यहाँ तक की सिंहासन पाने के लिये कही सारे मुगल राजा ओंने अपने ही वांलिदों की हत्या कर दी थी.
ये एक कडवी सच्चाई है. जिसे मै और मेरे जैसे देशभक्त मुसलमान स्वीकार करते है… साथ ही इन मुगलों का कडे शब्दों मे हम घोर निंदा करते है, नाही इन्हें हम अपना रोल मॉडेल मानते है. पर हमारे कट्टर और गैर इस्लामिक मुस्लिम भाई इस सच्चाई से मुह फेर लेते है. बडे ही बेशर्मी के साथ हमारे 80 प्रतिशत हिंदू भाई ओंके भावना ओंकॊ आहत करते हुए मुगलों का समर्थन करते है. औरंगजेब….बाबर….तैमूर… अल्लाउदिन जैसे आक्रांता ओंकॊ अपना रोल मॉडल बताते है….और ये सब सिर्फ इसलिये क्यों की ये सारे लोग मुसलमान थे. मेरे जैसा मुसलमान ऐसे कट्टर और गैर इस्लामिक मुसलमानों को ये बताना चाहते है की, अगर आपको औरंगजेब को रोल मॉडल बनाना ही है तो उस औरंगजेब को रोल मॉडल बनाईये जो कश्मीर मे देश के लिये शहीद हो गया….. अगर आपको धर्म के नाम पर समर्थन करना ही है तो ए पी जे अब्दुल कलाम का समर्थन किजीये….मोहम्मद उस्मान का समर्थन किजीये….अशफाक उल्लाह खान का समर्थन किजीये…..
ऐसे कही सारे भारतीय मुसलमान है जिन पर देश का मुसलमान फक्र कर सकता है.. उन्हे अपना रोल मोडलं बनाया जा सकता है, पर अफसोस इस बात का है कि ऐसे देशभक्त मुसलमानों के विषय मे मेरे कट्टर मुस्लिम भाई ओंके मुह से आवाज नहीं निकलती. आवाज निकलती है तो सिर्फ आतंकवादी ओंके और आक्रांता ओंके समर्थन मे... जिनको मेरे जैसे मुसलमान गैर इस्लामिक और देशद्रोही मानते है ..
दोस्तो भारत का देशभक्त मुसलमान ये सारे विचार रखता है. मै अगले ब्लॉग मे इसी विषय से जुडे अपने और विचार रखुंगा. आप क्या सोचते है इस विषय के बारे मे आप हमे नीचे कंमेंट बॉक्स मे जरूर बतायें.... जय हिंद... जय भारत....
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