शिव सेना - हिंदुत्ववादी सरकार या हिंदुत्वविरोधी सरकार??
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Written by-Mady Wadkar
शिव सेना - हिंदुत्ववादी सरकार या हिंदुiत्वविरोधी सरकार??
आज भारत के और महाराष्ट्र के बहोत सारे लोगों के दिल मे ये सवाल आ रहा है और इसके बहोत सारे कारण भी है.
जब बाळासाहेब ठाकरे जी ने शिव सेना पार्टी बनायी थी तो उनका प्रमुख मुद्दा था 'मराठी माणूस'. पर कुछ सालो बाद बाळासाहेब जी ने अपने पार्टी के भविष्य के बारे मे सोचते हुए अपने इस मुद्दे के साथ एक और बडा मुद्दा जोड लिया, जिसका नाम है 'हिंदुत्व' का मुद्दा. बाळासाहेब ठाकरे जी इस मुद्दे पे खरे उत्तरे भी. उन्होने हमेशा हिंदू कि और हिंदू संस्कृती के रक्षा कि बात करते हुए राजनीती कि. यहा तक कि एक इंटरव्यू मे जब उनसे पूछा गया के बाबरी मस्जिद गिराने मे शिव सेना के लोगो का हाथ है तो उस पर बाळासाहेब ने कहा था अगर ऐसा है तो मुझे मेरे लोगो पर गर्व है. जिस वक्त सारी पोलिटिकल पार्टीया अपने वोट बँक के बारे मे सोचते हुए इस मुद्दे से अपना पल्ला झाड रही थी उस वक्त इस तरह कि बात रखने वाले बाळासाहेब अकेले इन्सान थे. उसी तरह पुरे भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने कि बात भी वो हमेशा बिना किसी दबाव के रखा करते थे. शायद इसीलिये उन्हे आज भी'हिंदुहृदयसम्राट' कहा जाता है....
पर उनके देहांत के बाद 25 साल से चली आ रही बाजपा और शिव सेना कि महागठबंधन का टूट जाना, और अलग चुनाव लडना, फिर अगले चुनाव मे साथ लढकर भी अपने स्वार्थ के चलते जनता के कौल को ठुकराकर अपने हिंदुत्व कि विचारधारा से विपरीत विचारधारा के पार्टीयों के साथ सरकार बना लेना, इसी सरकार मे मुंबई के पालघर मे साधू ओंकी हत्या हो जाना और मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार का कुछ ना करके मौन रहना, देश कि संसद मे पास हुए बिल CAA के विरोध मे धरना करने वालों का समर्थन करना, महाराष्ट्र मे मॉल और बार शुरु कर देना पर मंदिरो पे ताले लगाके रखना और सरकार के इस फैसले के खिलाफ शिर्डी मे अनशन करने वाले संतो को कोरोना के social distance का हवाला देते हुए अरेस्ट कर लेना....
ऐसे बहोत सारे मुद्दे है जिनकी वजह से आज लोगो के मन मे ऐसे सवाल आ रहे है. जिस पार्टी को बाळासाहेब और शिव सेना हमेशा कोसती रहती थी, जिस पार्टी कि विचारधारा का समर्थन बाळासाहेब जी ने कभी नहीं किया...आज उद्धव ठाकरे ऐसी पार्टीओं के साथ सरकार चला रहे है. यही बात महाराष्ट्र के लोगों को हजम नहीं हो पा रही है. इसीलिये आज बहोत सारे लोग शिव सेना को हिंदुत्व विरोधी पार्टी मानने लगे है....पुरे देशवासियोंके आराध्य श्री राम जी के अस्तित्व पर सवाल उठाने वाली पार्टी के साथ सरकार बनाने के बाद मुझे भी ऐसा ही लगने लगा है....
मेरा खुद का ये मानना है कि शिव सेना का महाराष्ट्र कि राजनीती मे टिके रहना बहोत जरुरी है. इस काँग्रेस और राष्ट्रवादी काँग्रेस कि गठबंधन के चलते शिव सेना ने अपनी राष्ट्रवादी और हिंदुत्ववादी इमेज को बहोत जादा नुकसान पहुंचा लिया है और इसीलिये उद्धव ठाकरे और शिव सेना को इन सारी बातों पे सोचना होगा.... वरना महाराष्ट्र मे से शिव सेना कि जगह राज ठाकरे कि मनसे को लेने मे जादा वक्त नहीं लगेगा....
जय हिंद....जय भारत
http://moviespoliticsreview.blogspot.com
English Translation -
Shiv Sena - Hindutva Government or Hindu i Anti Government?
Today ths question is coming in the hearts of many people of India and Maharashtra and there are many reasons for this.
When Balasaheb Thackeray formed Shiv Sena Party, his main issue was 'Marathi Manoos'. But after some years, thinking about the future of his party, Baasaheb ji added another big issue with this issue, which is called 'Hindutva' issue. Mr. Balasaheb Thackeray also answered the issue completely. He always talked about protecting Hinduism and Hindu culture. Even when he was asked in an interview that Shiv Sena's people have a hand in demolishing the Babri Masjid, then Baasaheb had said on it that if it is so then I am proud of my people. At the time when all the political parties were thinking about their vote bank, they were getting rid of this issue, at that time, Baasaheb was the only person who had such talk. In the same way, he always kept the matter of declaring India as a Hindu nation without any pressure. Probably that is why they are called 'Hinduhridaysamrat' .... even today.
But after his death, the break-up of the Grand Alliance of Bajpas and Shiv Sena, which has been going on for 25 years, and fighting separate elections, then fighting in the next election, even after fighting with the selfishness of the people and rejecting the ideology of his Hindutva, contrary to the ideology of his Hindutva Forming a government with parties, killing Sadhu Onki in Palghar, Mumbai and keeping silent with the Mumbai Police and Maharashtra Government, supporting the protesters against the bill passed in the Parliament of the country, Launching malls and bars in Maharashtra but keeping locks on temples and arresting the saints who fasted in Shirdi against this decision of the government citing Corona's social distance ....
There are many such issues due to which such questions are coming in the minds of people today. The party to which Basasaheb and Shiv Sena always cursed, the party whose ideology Balasaheb never supported… Today Uddhav Thackeray is running the government with such parties. The same thing is not happening to the people of Maharashtra. That is why many people today have started considering Shiv Sena as anti-Hindutva party .... I have started feeling the same after forming a government with the party that questioned the existence of Shri Ram Ji, the adorable of the entire countrymen ....
My own belief is that it is very important for Shiv Sena to stay in Maharashtra politics. Due to the alliance of this Congress and Nationalist Congress, Shiv Sena has done a lot of damage to its nationalist and Hindutva image and that is why Uddhav Thackeray and Shiv Sena will have to think on these things…. Otherwise, the place of Shiv Sena from Maharashtra Thackeray that it will not take much time to take MNS.
Jai Hind..Jai Bharat
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