Agriculture Reform Bill 2020
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Written By - Mady Wadkar
दोस्तो आज कल हमारे देश मे किसान कानून को लेकर बहोत ही हंगामा चल रहा है. हर बार की तरह मोदी सरकार के फैसलों का विरोध करते हुए विरोधी पार्टीया आज रस्ते पे उतर चुकी है. विरोधी पार्टीयों की माने तो ये बिल किसान विरोधी है, जिस प्रकार जब CAA( Citizenship Amendment Act ) लाया गया था मोदी सरकार द्वारा तब वो बिल भी मुस्लिम विरोधी था. दोस्तो आज हम इस ब्लॉग मे इसी मुद्दे पे बात करेंगे की ये कानून किसान विरोधी है या किसान समर्थक है.
इस कानून को हमे कुछ अलग बिंदूओंमे समझने की जरुरत है. जिसमे से पहले बिल की बात करते है जिसका नाम है Bill On Agri Market. इस बिल को सिधी तरह से समझे तो इस बिल का मुख्य उद्देश्य किसानों को अपनी फसल की विक्री की आजादी देना है. इसका मतलब पहले किसानों को APMC Regulated Mandi मे ही अपनी फसल को बेचना होता था. पर अब इस बिल के अंतर्गत इस बाध्यता को खतम कर दिया गया है. अब किसान अपनी फसल जहाँ उसे सही दाम मिले वहा कही भी बेच सकता है. कही भी मतलब दोस्तो किसान अपनी फसल किसी और राज्य मे भी बेच सकता है. ऐसी विक्री की आजादी किसानों को आज से पहले कभी नहीं मिली है.
अब दुसरे बिल यानी के BIiLL On CONTRACT FARMING के बारे मे बात करे तो इस बिल के अनुसार किसान अपनी फसल की उगाई के पहले ही किसी भी कंपनी से या किसी निर्यातक से या फिर किसी व्यापारी से पहले ही अपने फसल की विक्री का करार कर सकता है. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल दर की अनिश्चितता के भय से बचाना है. इसकी वजह से किसान अपनी फसल की विक्री अपने फसल की उगाई से पहले ही विक्री कर सकता है. साथ ही किसानों का विक्री के समय होने वाला बहोत सारा खर्च भी बच जायेगा. जैसे के मार्केटिंग खर्च, परीवहन खर्च, दलाली खर्च आदी. दोस्तो हमारी नजर मे किसानों के लिए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता.
और वही पे तिसरे बिल यानी के BILL RELAXING TO COMMODITIES की बात करे तो इसमे ये कहा गया है की अनाज, दाल, प्याज और आलू जैसे फसल को Essential Commodities के बाहर रखा जायेगा. अगर इसके फायदे की बात करे तो इससे कृषी निवेश मे बढोतरी मिलने मे मदद होगी. साथ ही किसानों को अपने फसल की योग्य किंमत प्राप्त करने मे भी मदद हो पायेगी.
अगर हम इन सारे विधेयको का विवरण करे तो ये समझ मे आता है के इन विधेयको का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनके फसल की योग्य मूल्य दिलाने मे मदद करना, किसानों को अपने फसल की विक्री की आजादी दिलाना, फसल की उगाई से पहले ही किसानों को विक्री का अवसर प्राप्त कराना, किसानों को सक्षम और आजाद बनाना है. दोस्तो हमे ये कानून कही से भी किसान विरोधी नजर नहीं आते.
इसलिये आज हमारे किसान भाइयों को इस कानून को समझने की जरुरत है. अपनी खोयी हुयी राजनैतिक जमीन को प्राप्त करने के लिए किसानों को उकसा कर विरोध की राजनीती करने वाले विरोधी पार्टीयों को पहचान ने की जरुरत है. हमारा पुरी तरह से ये मानना है की ये कानून किसान समर्थक है. दोस्तो आप क्या सोचते है ये आप हमे नीचे कंमेंट बॉक्स मे जरूर बतायें.
जय हिंद..... जय भारत....
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